Noida: नोएडा में एक दर्दनाक हादसे में एक ट्रक ड्राइवर की मौत हो गई, जिसकी पहचान हरजीत के रूप में हुई है। हरजीत बालाजी ट्रांसपोर्ट के लिए लोडिंग गाड़ी चलाता था और पिछले पांच सालों से ट्रांसपोर्ट का काम कर रहा था। यह हादसा हल्दीराम कंपनी के गेट के बाहर हुआ, जहां हरजीत अपने ट्रक में सामान लोड करने के लिए इंतजार कर रहा था।
हादसे का विवरण
हादसा 21 अक्टूबर 2024 को हुआ, जब हरजीत ट्रक में बैठा था और उसका ट्रक गलती से सड़क के किनारे लगे बिजली के ट्रांसफॉर्मर से टकरा गया। इस टक्कर की वजह से ट्रक में करंट फैल गया, जिससे हरजीत को गंभीर चोट लगी। साथी कर्मचारियों ने उसे तुरंत सेक्टर 71, नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस की कार्यवाही
इस घटना की जानकारी मिलते ही थाना फेस 3 की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने बताया कि हरजीत, जिसका असली नाम अरजीत था, उम्र करीब 25 साल, मैनपुरी जिले के औछा थाना क्षेत्र के रुरिया गांव का निवासी था। वह एसबीटीसी ट्रांसपोर्ट में काम करता था और उस दिन हल्दीराम कंपनी के सेक्टर 68 में स्थित गेट के बाहर सामान लोड करने के लिए खड़ा था। इसी दौरान ट्रक का दरवाजा सड़क के किनारे लगे बिजली के ट्रांसफॉर्मर से टकरा गया और ट्रक में करंट आ गया।
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हादसे के बाद हालात
पुलिस ने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंच गया था और तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। पुलिस ने यह भी कहा कि मौके पर कानून व्यवस्था से संबंधित कोई समस्या नहीं थी। घटना के बाद शव का पोस्टमार्टम करने के लिए पुलिस ने नियमानुसार पंचायतनामा की कार्यवाही शुरू की।
साथियों की प्रतिक्रिया
इस हादसे से हरजीत के साथी चालक और कर्मचारी बहुत दुखी हैं। साथी ड्राइवरों का कहना है कि उन्होंने घटना के बारे में हल्दीराम कंपनी को तुरंत सूचित किया था, लेकिन कोई भी शख्स मदद के लिए नहीं आया। उनका कहना है कि यदि समय पर सही कदम उठाए जाते तो शायद इस दुर्घटना से बचा जा सकता था।
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ट्रांसपोर्टर की जानकारी
हरजीत बालाजी ट्रांसपोर्ट के लिए पांच साल से काम कर रहा था और उसने अपनी मेहनत से कंपनी में एक अच्छा नाम बनाया था। उसके साथी बताते हैं कि हरजीत एक जिम्मेदार और मेहनती इंसान था, जो अपने काम के प्रति पूरी ईमानदारी से लगा रहता था।
ट्रांसफॉर्मर का खतरा
यह भी जानकारी सामने आई है कि हल्दीराम कंपनी के गेट के बाहर जिस जगह पर यह ट्रांसफॉर्मर लगा था, वह काफी खतरनाक जगह पर था। ट्रांसफॉर्मर के आसपास किसी भी तरह की सुरक्षा का इंतजाम नहीं था, जिससे यह हादसा हुआ। ट्रक चालक साथियों का कहना है कि कंपनी को पहले ही इस ट्रांसफॉर्मर की जानकारी दी गई थी, लेकिन इसे हटाने या सुरक्षित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
प्रशासन से अपील
इस हादसे के बाद स्थानीय लोग और ट्रांसपोर्टर प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि इस तरह के खतरनाक स्थानों पर लगे ट्रांसफॉर्मर को हटाया जाए या उन्हें सुरक्षित तरीके से स्थापित किया जाए। इसके अलावा, प्रशासन से यह भी मांग की जा रही है कि इस हादसे की पूरी जांच की जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
परिवार में मातम
हरजीत के परिवार पर इस हादसे से गहरा आघात पहुंचा है। उसका परिवार मैनपुरी में रहता है और वह अपने परिवार का अकेला कमाने वाला था। उसकी मौत के बाद परिवार को आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, उसके परिवार ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है ताकि उन्हें उचित मुआवजा मिल सके और इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए।
अंत में बस यही कहेगे:
यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह उस लापरवाही का परिणाम है, जो सुरक्षा के मामलों में की जाती है। यदि समय रहते उचित कदम उठाए जाते, तो शायद इस हादसे को रोका जा सकता था। अब प्रशासन और कंपनी दोनों की जिम्मेदारी है कि वे इस तरह के हादसों को रोकने के लिए उचित सुरक्षा उपाय करें ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह की त्रासदी का सामना न करे।