Trump support Modi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण घोषणा में कहा कि बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति पर फैसला लेने की जिम्मेदारी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर होगी। यह बयान ऐसे समय आया है जब बांग्लादेश पिछले एक साल से राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है। खासतौर पर, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को बड़े पैमाने पर हुए छात्र प्रदर्शनों के बाद इस्तीफा देना पड़ा था।
बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति
पिछले साल 5 अगस्त को व्यापक विरोध प्रदर्शनों के चलते शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी थी, जिसके बाद उन्होंने भारत में शरण मांगी। इसके बाद, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार बनी। यूनुस, जो माइक्रोफाइनेंस के लिए प्रसिद्ध हैं, ट्रंप के साथ अपने तनावपूर्ण संबंधों के लिए भी जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में बांग्लादेश के राजनीतिक समीकरण लगातार बदल रहे हैं, जिससे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभावों पर बहस छिड़ गई है।
इस बीच, अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस के बेटे एलेक्स सोरोस की गतिविधियाँ भी चर्चा में हैं। उन पर आरोप हैं कि उन्होंने बांग्लादेश की राजनीति को प्रभावित करने की कोशिश की है। इस पृष्ठभूमि में ट्रंप का बयान और अधिक अहम हो जाता है।
Trump का बयान और भारत की भूमिका
Trump ने मोदी के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं बांग्लादेश को प्रधानमंत्री मोदी के हाथों में छोड़ता हूं। वे इस मुद्दे पर लंबे समय से काम कर रहे हैं।” यह बयान इस ओर संकेत करता है कि अमेरिका अब इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा और भारत को अपनी नीति बनाने की स्वतंत्रता देगा।
इस निर्णय के कई प्रभाव हो सकते हैं। एक ओर, यह भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को मजबूत कर सकता है और क्षेत्रीय स्थिरता में भारत की भूमिका बढ़ा सकता है। दूसरी ओर, बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में भारत की बढ़ती दखलअंदाजी को लेकर चिंताएँ भी बढ़ सकती हैं।
Trump का यह बयान दक्षिण एशियाई राजनीति के संतुलन को बदल सकता है। भारत को अब बांग्लादेश में अपनी भूमिका तय करनी होगी—क्या वह लोकतांत्रिक सुधारों पर जोर देगा या अपने रणनीतिक हितों को प्राथमिकता देगा? यह फैसला आने वाले समय में क्षेत्रीय राजनीति को गहराई से प्रभावित करेगा।