Trump Musk dispute: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टेस्ला द्वारा भारत में फैक्ट्री लगाने की योजना पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे अमेरिका के लिए “बहुत अनुचित” करार दिया। यह बयान ऐसे समय आया है जब टेस्ला ने भारत में अपनी संभावित एंट्री के संकेत देते हुए विभिन्न पदों पर भर्तियां शुरू की हैं।
भारत की नई ईवी नीति और ट्रंप की आपत्ति
भारत सरकार ने मार्च में नई इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति की घोषणा की थी, जिसके तहत यदि कोई वाहन निर्माता कम से कम 500 मिलियन डॉलर का निवेश करता है और फैक्ट्री स्थापित करता है, तो आयात कर 100% से घटकर 15% कर दिया जाएगा। इस नीति का उद्देश्य भारत में ईवी उत्पादन को बढ़ावा देना और विदेशी निवेश आकर्षित करना है।
फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में Trump ने कहा कि अगर टेस्ला भारत में फैक्ट्री बनाती है, तो यह अमेरिका के लिए नुकसानदायक होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में अमेरिकी कारों की बिक्री लगभग असंभव है क्योंकि वहां बहुत अधिक आयात शुल्क लगाया जाता है। ट्रंप ने यह बयान ऐसे समय दिया जब हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच वाशिंगटन डीसी में मुलाकात हुई थी।
Trump की टैरिफ नीति और संभावित व्यापार युद्ध
Trump ने अपनी पारस्परिक टैरिफ नीति की ओर इशारा करते हुए कहा कि अमेरिका उन देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना वे अमेरिकी उत्पादों पर लगाते हैं। उन्होंने भारत के उच्च आयात शुल्क का उदाहरण देते हुए कहा कि यह अमेरिका के साथ अन्याय है। उनके इस बयान से संकेत मिलता है कि अगर वह दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो भारत और अमेरिका के बीच व्यापार तनाव बढ़ सकता है।
भारत में टेस्ला की एंट्री के संकेत
टेस्ला लंबे समय से भारतीय बाजार में प्रवेश की योजना बना रही है। कंपनी ने हाल ही में नई दिल्ली और मुंबई में अपने पहले शोरूम के लिए स्थान तय किए हैं और विभिन्न पदों पर भर्ती शुरू की है। हालांकि, भारत में टेस्ला की मौजूदगी फिलहाल सीमित है और उसे स्थानीय उत्पादन एवं उच्च आयात शुल्क जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी और एलन मस्क की मुलाकात के बाद भारत में टेस्ला के प्रवेश की संभावना बढ़ी है, लेकिन ट्रंप के इस बयान ने इस मुद्दे को राजनीतिक रंग दे दिया है। अब यह देखना होगा कि इस पर भारत और अमेरिका की सरकारें क्या रुख अपनाती हैं।