Trump Reciprocal Tariff Plan: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और चीन जैसे देशों पर ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ (पारस्परिक शुल्क) लगाने की घोषणा की है। ट्रम्प का कहना है कि अमेरिका अब उन देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना वे अमेरिकी वस्तुओं पर लगाते हैं। यह निर्णय व्यापार में निष्पक्षता लाने के लिए लिया गया है। उन्होंने यह बयान वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान दिया, जहां उन्होंने अमेरिकी व्यापार नीति को और कड़ा करने का संकेत दिया। इस फैसले से भारत और चीन सहित कई देशों के साथ अमेरिका के व्यापार संबंधों में बदलाव की संभावना है।
अमेरिका का यह कदम क्यों?
Trump का मानना है कि अमेरिका ने लंबे समय तक व्यापारिक साझेदारों को अधिक छूट दी है, जिससे घरेलू उद्योगों को नुकसान हुआ है। उनके अनुसार, भारत और चीन जैसे देश अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैरिफ लगाते हैं, जिससे अमेरिकी व्यापार को नुकसान होता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई देश अमेरिकी सामानों पर शुल्क लगाता है, तो अमेरिका भी बदले में उतना ही टैरिफ लगाएगा।
हम भारत और चीन पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे.
ये हमने पहले कभी नहीं किया, लेकिन अब हम इसे करेंगे.
: डोनाल्ड ट्रंप pic.twitter.com/5pA5Zlyuhj
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) February 25, 2025
भारत और चीन पर संभावित प्रभाव
भारत और चीन अमेरिका के दो प्रमुख व्यापारिक साझेदार हैं। भारत हर साल अमेरिका को 77.5 अरब डॉलर का निर्यात करता है, जबकि 42.2 अरब डॉलर का आयात करता है। इससे भारत को अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष मिलता है।
- भारत अमेरिकी उत्पादों पर औसतन 9.5% टैरिफ लगाता है।
- चीन का औसत टैरिफ 7.1% है।
- इससे भारतीय कृषि, फार्मास्युटिकल और ऑटोमोबाइल सेक्टर प्रभावित हो सकते हैं।
वैश्विक व्यापार पर असर
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध को फिर से बढ़ा सकती है। चीन पहले भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लगा चुका है। इससे अमेरिका में वस्तुओं की कीमतें बढ़ने की संभावना है।
Trump प्रशासन इस नीति को घरेलू उत्पादकों और किसानों के हित में बता रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इससे अमेरिका के व्यापारिक साझेदारों के साथ तनाव बढ़ सकता है। अब सभी की नजर इस पर है कि भारत और चीन इस नीति का क्या जवाब देते हैं।