US-Russia talks: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि उनका देश सऊदी अरब में होने वाली अमेरिका-रूस वार्ता में शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जब यूक्रेन की भागीदारी नहीं होगी, तो वह वार्ता के किसी भी परिणाम को स्वीकार नहीं करेंगे। यह वार्ता रूस और अमेरिका के बीच संबंधों को सुधारने और यूक्रेन के संकट को समाप्त करने के उद्देश्य से हो रही है।
जेलेंस्की ने संयुक्त अरब अमीरात से एक कॉन्फ्रेंस कॉल में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनकी सरकार को इस वार्ता में आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि यूक्रेन के बिना इस वार्ता से कोई ठोस परिणाम नहीं निकलेगा। जेलेंस्की का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि यूक्रेन को इस वार्ता में शामिल किए बिना कोई समझौता संभव नहीं होगा।
इस बीच, US-Russia talks के शीर्ष अधिकारी सऊदी अरब में मंगलवार को मिलेंगे। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और राष्ट्रपति पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव इस वार्ता में भाग लेंगे, जबकि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री मार्को रुबियो, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और मध्य पूर्व के दूत स्टीव विटकॉफ शामिल होंगे। यह वार्ता दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को फिर से स्थापित करने का एक प्रयास है, साथ ही रूस और अमेरिका के बीच शांति समझौते की दिशा में कदम बढ़ाने की योजना है।
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US-Russia talks का उद्देश्य न केवल अमेरिका-रूस संबंधों को सुधारना है, बल्कि यूक्रेन के मुद्दे पर भी चर्चा करना है। हालांकि, यूक्रेन की अनुपस्थिति से शांति प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं। यूरोपीय नेता भी इस पर चिंता जता रहे हैं, खासकर जब यूक्रेन को इस महत्वपूर्ण बातचीत से बाहर रखा गया है।
जेलेंस्की ने इस बात का स्पष्ट संकेत दिया कि यूक्रेन बिना अपनी भागीदारी के इस शांति प्रयास को स्वीकार नहीं करेगा, और इसका प्रभावी परिणाम तभी निकलेगा जब यूक्रेन को भी US-Russia talks में शामिल किया जाएगा।