UP by Election: उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव को लेकर पार्टियों में गरमागरमी बढ़ती जा रही है। वहीं ठीक चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है, जिसमे सपा में शामिल परमानंद गर्ग ने बीते शनिवार को सपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए है। जिसके बाद परमानंद गर्ग का अग्रसेन भवन में आयोजित कैडर कैंप में स्वागत किया गया और उन्हें विधानसभा सीट का प्रभारी बनाया गया है।
कितना दिलचस्प होगा गाजियाबाद का उपचुनाव
बता दें कि, परमानंद गर्ग के बसपा में शामिल होने की जानकारी खुद बसपा के जिला अध्यक्ष दयाराम सैन ने दी है। अब इसमे देखना है कि बसपा ने सपा के किले में सेंध लगाकर एक दिग्गज को अपने खेमे में शामिल कर लिया है। इससे बसपा को कितना फायदा होता है। जानकारी के लिए बता दें कि, परमानंद गर्ग सपा में प्रदेश सचिव पद के रुप में शामिल थे, जिसके बाद वह बसपा में शामिल होते ही समाजवादी पार्टी पर वैश्य समाज की अनदेखी का आरोप लगा दिया है। बसपा में शामिल होने के बाद उन्हें विधानसभा प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। इस उलटफेर के बाद गाजियाबाद उपचुनाव दिलचस्प स्थिति में आ गया है।
निर्णायक की भूमिका में वैश्य समाज
गाजियाबाद के इस सीट पर वैश्य समाज निर्णायक की भूमिका निभाएगा। एक दिवसीय बसपा कैडर कैंप में बसपा मेरठ मंडल कोऑर्डिनेटर शमसुद्दीन राईन, सूरजमल जाटव और जिला अध्यक्ष दयाराम सेन की मौजूदगी में परमानंद गर्ग ने अपने समर्थकों के साथ बसपा की सदस्यता ग्रहण की।
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परमानन्द गर्ग ने क्या कहा?
बसपा की सदस्यता लेने के बाद परमानन्द गर्ग ने कहा कि, “बसपा में ही सर्वसमाज का हित निहित है। वैश्य समाज का ही आवाज उठाने के लिए वह बसपा में शामिल हुए हैं। कैंडर कैंप में बसपा ने उप चुनाव को लेकर खास तरीके रणनीति बनाते हुए कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर तैयार रहने को कहा है।”
इन 10 सीटों पर होने वाला है उपचुनाव
- गाजियाबाद विधासभा सीट
- मिल्कीपुर विधासभा सीट
- कटेहरी विधानसभा सीट
- करहल विधानसभा सीट
- मीरापुर विधानसभा सीट
- मझावां विधानसभा सीट
- सीसामऊ विधानसभा सीट
- खैर विधानसभा सीट
- फूलपुर विधानसभा सीट
- कुंदरकी विधानसभा सीट
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