Sanjay Nishad: उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग पहले ही कर चुका है। आज यानी 25 अक्टूबर यूपी उपचुनाव में नामांकन की आखिरी तारीख है, यह चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, राजनीतिक पार्टियों की खुड़बुड़ाहट बढ़ती जा रही है। इसी बीच अब निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद यूपी उपचुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सुर में बोलते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वह सीटों के लिए नहीं बल्कि जीत के लिए खड़े हैं। कुछ ऐसा ही बयान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी दिया था। कांग्रेस से गठबंधन को लेकर अखिलेश ने कहा था कि भारत गठबंधन के उम्मीदवार सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। यह सीटों की बात नहीं बल्कि जीत की बात है।
क्या अखिलेश यादव के रास्ते पर चल रहे संजय निषाद?
सिर्फ इतना ही नहीं अखिलेश यादव की तरह निषाद पार्टी ने भी लखनऊ में ’27 के सखवांहार’ का पोस्टर लगाया है। यह पोस्टर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय पर लगाया गया है। इससे पहले सपा ने लखनऊ में ’27 के सत्ताधीश’ का पोस्टर लगाया था। बता दें कि, यूपी उपचुनाव में एक भी सीट न मिलने पर निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा कि पार्टी का गठन सपा और कांग्रेस को हटाने के लिए हुआ था। अब NDA को जिताना है ताकि वे न आएं। दिल्ली में निषाद समाज के लिए आरक्षण की बात हुई है। जल्द ही आरक्षण का निष्कर्ष निकलेगा। निषाद समाज को भाजपा को जिताना चाहिए, क्योंकि भाजपा ही उन्हें अधिकार दे सकती है।
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‘भाजपा का दिल से समर्थन करूंगा’
संजय निषाद ने सीट न मिलने के सवाल पर उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। संजय निषाद ने कहा कि मैंने दिल्ली में शीर्ष नेतृत्व से बात की है कि मैं उपचुनाव नहीं लड़ूंगा। जीत के लिए भाजपा का दिल से समर्थन करूंगा। वहीं, दो सीटों की मांग पर उन्होंने कहा कि हम सीट के लिए नहीं जीत के लिए खड़े हैं। कई बार परिस्थितियों के हिसाब से काम करना पड़ता है। पिछली सरकार ने हमें ओबीसी में डालकर अन्याय किया है।
संजय निषाद के आवास के बाहर लगा पोस्टर
बता दें कि, संजय निषाद के आवास के बाहर एक पोस्टर लगाया गया है और इस पोस्टर में लिखा है कि, ’27 के सेवाहार’। इससे पहले समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर अखिलेश यादव का पोस्टर लगाया गया था, उस पर लिखा था ’27 के सत्ताधारी’। पूरे लखनऊ में ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें लिखा है ’27 के सत्ताधारी’। इस तरह उपचुनाव से पहले ‘सत्ताईस के शासक’ के बाद अब ‘सत्ताईस के शासक’ की भी यूपी की सियासत में एंट्री हो गई है। यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं।
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