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शामली में कलेक्ट्रेट पर किसानों का प्रदर्शन, प्रशासन में मचा हड़कंप, जानें इसके पीछे की वजह

Shamli Farmers Protest
Shamli Farmers Protest

Shamli Farmers Protest: शामली से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां गन्ना भुगतान न होने पर किसानों ने कलेक्ट्रेट के बाहर हंगामा शुरु कर दिया। किसानों ने शुगर मील से चलकर ट्रैक्टर ट्राली के साथ कलेक्ट्रेट ऑफिल के बाहर हंगामा किया, जिसके बाद मौके पर पुलिस बल ने किसानों को कलेक्ट्रेट परिसर में घुसने नहीं दिया। प्रशासन ने किसानो की मांग पूरी करने को लेकर 2 दिन का समय लिया था, लेकिन गन्ना किसानों का भुगतान नहीं किया गया, जिसके बाद अब कलेक्ट्रेट में ही किसानो ने तालाबंदी करने की घोषणा कर दी है।

किसानों ने कलेक्ट्रेट के बाहर दिया धरना

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बता दें कि, सरशादी लाल शुगर मिल पर पूर्व के वर्ष के बकाया करीब 200 करोड़ रुपए से ज्यादा के गन्ना भुगतान की मांग को लेकर किसान लगातार आंदोलन कर रहे है। धरने के दसवें दिन बीते रविवार की देर शाम को किसान नेताओं ने घोषणा किया कि, अगर सोमवार को दोपहर 2:00 बजे तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो, सभी किसान शामली कलेक्ट्रेट पहुंचकर तालाबंदी करेंगे और कलेक्ट्रेट के बाहर सड़क जाम कर धरना शुरू कर देंगे।

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सरशादी लाल शुगर मिल ने नहीं 2022-23 का भूगतान

किसानों के मुताबिक, शामली की सरशादी लाल शुगर मिल पर गन्ना किसानों का वर्ष 2022-2023 का 200 करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना भुगतान बकाया है। पिछले साल भी किसान गन्ना भुगतान की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे थे। भुगतान न कर पाने के कारण सरशादी लाल शुगर मिल के मालिक ने शुगर मिल को दूसरे निजी समूह त्रिवेणी को बेच दिया। जिसके बाद समूह ने वर्ष 2023-2024 का गन्ना भुगतान समय पर कर दिया। लेकिन वह वर्ष 2022-2023 का भी भुगतान नहीं कर रहा है, जबकि मिल को खरीदते समय तुरंत भुगतान करने का निर्णय लिया गया था।

200 करोड़ रुपये गन्ना भुगतान बकाया

बता दे कि, करीब दो सप्ताह पहले किसानों ने शुगर मिल पर धरना देकर अपने बकाया भुगतान की मांग की थी। काफी देर तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद शामली से राष्ट्रीय लोकदल के विधायक प्रसन्न चौधरी और शामली एडीएम संतोष कुमार सिंह गन्ना किसानों और मिल प्रबंधन के बीच संपर्क सूत्र बने और बकाया गन्ना भुगतान किश्तों में जारी करने पर सहमति बनी। उसी दिन 45 करोड़ रुपये की एक किश्त जारी कर दी गई। इसके बाद भी चीनी मिल पर किसानों का करीब 200 करोड़ रुपये गन्ना भुगतान बकाया है, जिसका वादा उक्त समझौते में किया गया था। उस वादे को पूरा हुए करीब 10 दिन हो चुके हैं। इसके बाद गन्ना किसानों ने फिर से चीनी मिल परिसर में डेरा डाल दिया और धरना शुरू कर दिया।

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