UP Police Mistake: उत्तर प्रदेश की फिरोजाबाद पुलिस ने हाल ही में ऐसा कारनामा कर दिखाया कि लोग सिर पकड़कर हँसने लगे। चोरी के मामले में फरार चल रहे आरोपी की तलाश में निकली पुलिस ने रिपोर्ट में खुद कोर्ट की जज को ही आरोपी बना दिया! और मजे की बात ये कि रिपोर्ट में लिखा गया, “नगमा खान को उनके पते पर तलाशा गया, लेकिन वह नहीं मिलीं।” अरे भई, वो तो खुद जज हैं!
पूरा मामला फिरोजाबाद जिले की उत्तर कोतवाली से जुड़ा है। अदालत में एक पुराने केस में आरोपी राजकुमार उर्फ पप्पू की पेशी नहीं हो रही थी। कई बार गिरफ्तारी वारंट भी निकल चुका था, लेकिन आरोपी लापता रहा। इसके बाद कोर्ट ने उसके खिलाफ धारा 82 के तहत कुर्की का आदेश दिया और आदेश की तामील की जिम्मेदारी दी गई उप-निरीक्षक बनवारी लाल को।
अब यहीं से शुरू होती है यूपी पुलिस की कॉमेडी शो जैसी परफॉर्मेंस। जिस पते पर आरोपी को तलाशना था, वहां UP Police पहुंची भी – लेकिन उन्होंने आरोपी के नाम की जगह रिपोर्ट में जज नगमा खान का नाम लिख डाला! और पूरी मासूमियत से कोर्ट में रिपोर्ट लगा दी – “नगमा खान पते पर नहीं मिलीं।”
रिपोर्ट देखकर खुद जज नगमा खान भी हैरान-परेशान रह गईं। पहले तो उन्हें यकीन नहीं हुआ कि UP Police ने उन्हें ही आरोपी बना डाला है! इसके बाद उन्होंने पुलिस की इस करतूत की शिकायत डीजीपी और एसएसपी से कर दी। मामला तूल पकड़ा तो तुरंत कार्रवाई करते हुए एसएसपी सौरव दीक्षित ने बनवारी लाल को लाइन हाजिर कर दिया और जांच सीओ को सौंप दी।
इस हास्यास्पद पर गंभीर गलती ने एक बार फिर UP Police की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 26 अप्रैल तय की है। फिलहाल, इस पूरी घटना को लेकर सोशल मीडिया पर मीम्स और चटकारेदार चर्चाएं जोरों पर हैं।
जो बात सबसे मजेदार है – वो ये कि पुलिस चोरी का केस हल नहीं कर सकी, लेकिन जज को जरूर “गिरफ्तार” करने की कोशिश कर ली!