UP teachers transfer policy: योगी सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के स्थानांतरण प्रक्रिया को लेकर सोमवार को एक नया शासनादेश जारी किया। इस आदेश के तहत शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए न्यूनतम सेवा अवधि की शर्त को समाप्त कर दिया गया है। हालांकि, अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के लिए यह शर्त है कि आवेदन करने वाले दोनों शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया उनके संबंधित जिलों में लंबित न हो।
पदोन्नति के कारण नहीं होंगे विवाद
नई नीति के अनुसार, पारस्परिक स्थानांतरण के लिए शिक्षकों को अपने पदोन्नति से जुड़े मामलों को स्पष्ट करना होगा। प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुधांशु मोहन ने बताया कि नई नीति का उद्देश्य शिक्षकों की पदोन्नति और ट्रांसफर प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है। बीते वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आए, जहां एक शिक्षक की पदोन्नति हो चुकी थी और दूसरे की प्रक्रिया लंबित थी, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ। इस वजह से कई शिक्षकों का स्थानांतरण कोर्ट के आदेशों के कारण रुक गया था।
नए जिले में जूनियर माना जाएगा शिक्षक
ट्रांसफर होने वाले UP teachers को जिस जिले में स्थानांतरित किया जाएगा, वहां उन्हें सबसे जूनियर शिक्षक माना जाएगा। इससे वरिष्ठता को लेकर कोई भ्रम नहीं रहेगा। यह प्रावधान शिक्षकों के समायोजन में पारदर्शिता और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए जोड़ा गया है।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जल्द शुरू होगी
14 जनवरी तक बेसिक स्कूलों में शीतकालीन अवकाश रहेगा। इसके बाद अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह प्रक्रिया तीन महीने में पूरी की जाएगी। आवेदन करने वाले शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान कार्यमुक्त किया जाएगा, ताकि स्कूलों का शिक्षण कार्य प्रभावित न हो।
ग्रामीण और नगरीय सेवा संवर्ग में अलग प्रावधान
इस बार स्थानांतरण प्रक्रिया को ग्रामीण और नगर सेवा संवर्ग में अलग-अलग रखा गया है। ग्रामीण संवर्ग के शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र में और नगरीय संवर्ग के शिक्षक शहरी क्षेत्र में ही स्थानांतरित होंगे।
नई नीति से UP teachers को स्थानांतरण में राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार का उद्देश्य शिक्षण प्रक्रिया को प्रभावी बनाना और विवादों से बचना है।