Prayagraj Maha Kumbh Mela 2025: नये साल के जनवरी के शुरुआत में प्रयागराज महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाएगा। इसी को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ आज रविवार को प्रयागराज पहुंचे। जहां वह महाकुंभ-25 के लोगो का अनावरण करेंगे, इसके साथ ही वेबसाइट और एप लांच किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ VIP घाट से विशेष बोट से संगम निरीक्षण के लिए रवाना हुए। उनके साथ कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, राकेश सचान और नंद गोपाल गुप्ता नंदी भी मौजुद रहे।
व्यवस्थाओं को लेकर अखाड़े ने रखा प्रस्ताव
बता दें कि, आज रविवार को सुबह 11:23 बजे परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ महाकुंभ मेले की तैयारियों को लेकर साधु-संतों की बैठक शुरू हुई। सबसे पहले पदाधिकारियों ने स्वागत किया। इसके साथ ही अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, महामंत्री समेत अन्य पदाधिकारियों और प्रमुख संतों का स्वागत किया गया। अखाड़े ने कुंभ मेले की व्यवस्थाओं के लिए पिछले कुंभ से दोगुना बजट देने, संत भक्त निवास की सुविधाएं बढ़ाने और बजरी की जमीन से बचने का प्रस्ताव रखा।
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इन लोगों ने CM की बैठक में लिया हिस्सा
महाकुंभ की तैयारियों को लेकर दंडीवाड़ा, आचार्यवाड़ा, प्रयागवाल सभा के तीर्थ पुरोहित, बैरागी, संन्यासी, वैष्णव संतों के मुख्य पीठाधीश्वर समेत 13 लोग अखाड़े CM की बैठक में शामिल रहे। इसके साथ ही खास चौक के संत भी अपनी पूरी जमात के साथ बैठक के लिए पहुंचे और सीएम योगी से की मुलाकात।
CM योगी ने संगम और अक्षयवट का किया निरीक्षण
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, राकेश सचान और नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ विशेष नाव से संगम का निरीक्षण किया। करीब एक घंटे तक उन्होंने विभिन्न कार्यों का निरीक्षण किया और घाटों की स्थिति देखी और कुंभ के लिए चल रहे निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया।
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शास्त्रीय सीमा में मांस-मदिरा की नहीं होगी बिक्री
संगम तट पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित अखाड़ों एवं साधु-संतों के साथ संवाद कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि, महाकुंभ का आयोजन सनातन धर्म के ध्वजवाहक अखाड़ों और विभिन्न संत परंपराओं के निर्देशन में उनके ही द्वारा किया जाता है। राज्य सरकार, इसमें सहयोगी है और दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालुगण अतिथि हैं। आगे उन्होंने कहा कि महाकुंभ में सनातन भारतीय संस्कृति को पूरी दुनिया साक्षात्कार करेगी। सनातन परंपरा के सम्मान के लिए सरकार समर्पित है। आगे कहा कि साधु-संतों, संन्यासियों, वैरागियों सहित समस्त सनातन समाज की भावनाओं का सम्मान रखते हुए प्रयागराज की शास्त्रीय सीमा में मांस-मदिरा का क्रय-विक्रय प्रतिबंधित किया जाना आवश्यक है।
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साधु-संतों की समाधि के लिए भूमि होगी आरक्षित
मुख्यमंत्री ने कहा कि, पावन त्रिवेणी संगम में स्नान की अभिलाषा लिए महाकुंभ आने वाले सभी संत और श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा-यमुना के दर्शन होंगे। पवित्र नदियों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए सरकार के स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन साधु-संत समाज का सहयोग भी अपेक्षित है। आगे कहा कि महाकुंभ के दौरान ब्रह्मलीन होने वाले साधु-संतों की समाधि के लिए प्रयागराज में शीघ्र ही भूमि आरक्षित कर दी जाएगी। संतों के मार्गदर्शन में ही सनातन समाज का उत्कर्ष संभव है। महाकुंभ 2025, कुंभ 2019 से भी अधिक भव्य हो, इसके लिए सभी को योगदान करना होगा।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, संतों की कृपा और प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आज अयोध्या, वाराणसी और ब्रजधाम के नए स्वरूप का दर्शन पूरी दुनिया कर रही है। संत समाज की ओर से गौ-हत्या पर प्रतिबंध की मांग पर सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गोहत्या अपराध है। गोहत्या के विरुद्ध उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
‘CM योगी सनातन धर्मध्वज के रक्षक’
संगम तट पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित अखाड़ों एवं साधु-संतों के साथ संवाद कार्यक्रम में सभी 13 अखाड़ों और विभिन्न संत परंपराओं के साधु-संतों, आचार्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनातन धर्मध्वज के रक्षक हैं, जिनके नेतृत्व में आज सनातन समाज गौरवान्वित हो रहा है। आगे संतों ने कहा कि, मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में आयोजित होने वाला महाकुंभ-2025 पूरे विश्व को शांति का संदेश देने वाला होगा। पूरा संत समाज इसमें अपना योगदान करने को आतुर है।