Banaras Ganga Aarti: महाकुंभ के दौरान बनारस में श्रद्धालुओं की भीड़ बेकाबू हो गई है। करीब 20 से 25 लाख श्रद्धालु गंगा स्नान और बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी पहुंचे हैं, जिसके कारण शहर की गलियां, घाट और मंदिर पूरी तरह से पर्यटकों से भर चुके हैं। इस भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधा को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। खासतौर पर गंगा आरती, जो विश्व प्रसिद्ध है, को श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर 5 फरवरी तक स्थगित कर दिया गया है।
महाकुंभ के दौरान बढ़ी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पूरी तरह से सुरक्षा के इंतजाम किए हैं। शहर में यातायात की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत, भेलूपुर, चेतगंज, कोतवाली, लक्सा और सिगरा जैसे व्यस्त इलाकों में ऑटो और ई-रिक्शा के चलने पर प्रतिबंध लगाया गया है। स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वे केवल अत्यधिक आवश्यकता पड़ने पर अपनी निजी गाड़ियों का इस्तेमाल करें।
गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि बढ़ती भीड़ और सुरक्षा के कारण 5 फरवरी तक गंगा आरती को भव्य रूप से आयोजित नहीं किया जाएगा। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे ऑनलाइन गंगा आरती में शामिल हों ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
महाकुंभ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए राहत, फ्लाइट टिकट के घटाए गए दाम
इस समय बनारस के होटल, गेस्ट हाउस और पीजी की पूरी क्षमता भर चुकी है। इसके कारण प्रशासन शेल्टर होम बनाने की योजना पर काम कर रहा है, और स्थानीय लोग भी श्रद्धालुओं की सहायता के लिए खाने-पीने की चीजें वितरित कर रहे हैं। इसके अलावा, विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव देने के लिए स्वच्छता, जल आपूर्ति, सुरक्षा और चिकित्सा सुविधाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है।
महाकुंभ के दौरान बनारस में व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से सक्रिय हैं। श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की जा रही है ताकि यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके और उनकी यात्रा सुरक्षित रहे।