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Indian Idol के विजेता Vaibhav Gupta का जोरदार स्वागत, सीजन 14 जीतने के बाद मुंबई से पहुंचे कानपुर! 

Kanpur News : इंडियन आईडल सीजन 14 (Indian Idol Season 14 Winner) के विजेता वैभव गुप्ता (Vaibhav Gupta) आज मुंबई से कानपुर वापस लौटे हैं। गंगा बैराज पर ढोल नगाड़ों के साथ वैभव का भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद वैभव ने भगवान शंकर का श्रंगार कर आशीर्वाद लिया। फिर वह इंदिरा नगर पहुंचे, जहां कानपुर कोचिंग एसोसिएशन ने उनका जोरदार स्वागत किया। यहां पर डिस्प्ले लगाकर वैभव के Indian Idol के शो को आम जनता को दिखाया गया। विधायक नीलिमा कटियार ने भी माला पहनाकर वैभव का स्वागत किया।

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वैभव गुप्ता सुबह मुंबई से सीधे लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे थे। फिर लखनऊ से कानपुर के लिए कार से रवाना हुए। वैभव के स्वागत के लिए परिवार, रिश्तेदार, पड़ोसी और शहरवासी ने पहले से तैयारी की थी। सभी लोग सुबह से ही बेसब्री से उनका इंतजार कर रहे थे।

आनंदेश्वर मंदिर पहुंच लिया आशीर्वाद

वैभव गुप्ता के पिता विष्णु गुप्ता ने बताया कि ‘उनका बेटा बाबा आनंदेश्वर का बहुत बड़ा भक्त है। वह रोज बाबा आनंदेश्वर के दर्शन के लिए जरूर जाता है। घर के पास शिव मंदिर के भी दर्शन करता था। इसलिए हम लोगों ने गंगा बैराज में उसका स्वागत करने की तैयारी की। इसके बाद वहां से कंपनी बाग होते हुए बाबा आनंदेश्वर मंदिर तक गया। वहां पर माथा टेककर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया।’

5वीं बार में जीता Indian Idol का खिताब

Indian Idol के विजेता Vaibhav Gupta का जोरदार स्वागत, सीजन 14 जीतने के बाद मुंबई से पहुंचे कानपुर! 

चार बार इंडियन आइडल के ऑडिशन से बाहर होने के बाद आखिरकार 5वीं बार कानपुर के वैभव गुप्ता ने खिताब जीत ही लिया। ट्राफी के साथ 25 लाख रुपए का चेक और एक ब्रेजा कार जीती है। रविवार को मुंबई में इंडियन आइडल-14 शो हुआ, जिसमें वैभव ने चैंपियन बन कानपुर का नाम रोशन किया है।

वैभव के घर इस समय ऐसी खुशियां छाई हैं, मानों कोई शादी वाला घर हो। पूरा घर आर्टिफिशियल फूलों और रंग बिरंगी चुन्नियों से सजा है। घर के पास मंदिर को भी सजाया गया है। सभी लोग वैभव के मुंबई से आने का बेसबरी से इंतजार कर रहे हैं। सुबह से ही वैभव के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है।

कल्याणपुर के नानकारी के रहने वाले हैं वैभव

कल्याणपुर के नानकारी निवासी परचून के थोक विक्रेता विष्णु गुप्ता का बेटा वैभव गुप्ता को बचपन से ही गाने का बड़ा शौक था। जब वैभव तीन साल का था, तभी मां का निधन हो गया। बड़े पापा मुन्ना लाल गुप्ता, बड़ी मम्मी प्रीति गुप्ता ने वैभव को पाला-पोषा| वैभव ने कल्याणपुर के मंटोर स्कूल से इंटर की परीक्षा 2023 में पास की थी। वैभव की जॉइंट फैमिली में चाचा और ताऊ का पूरा परिवार रहता है।

7 साल की उम्र में प्रतियोगिता में हुए विजयी

विष्णु गुप्ता ने बताया कि बेटा अक्सर घर में गाना गाया करता था। एक दिन मैंने उसको बैठाकर पहले खुद गाना सुना, फिर मुझे लगा कि इसको इस क्षेत्र में आगे जाना चाहिए। सिविल लाइंस स्थित रागेंद्र स्वरूप ऑडिटोरियम हॉल में सिंगिग प्रतियोगिता हुई। इसमें वैभव ने पहला स्थान प्राप्त किया। उस समय वैभव की उम्र मात्र सात साल की थी। इसके बाद से वैभव का सफर यहां से शुरू हो गया। वैभव अपने स्कूल टीचर आनंद सर से गाना सीखने लगा।

पांच साल पहले वैभव ने एक प्रतियोगिता में गया था, वहां पर सिंगर शशांक निर्णायक की भूमिका में आए थे। यहां पर उन्होंने वैभव को देखा। इसके बाद शशांक ने खुद वैभव को सिखाने के लिए फैसला लिया। इसके बाद से वैभव अपने गुरु शशांक से सिंगिग के टिप्स लेने लगा।

गाने के लिए छोड़ दिया फुटबॉल

विष्णु ने बताया कि बेटे को फुटबॉल खेलने का भी शौक था। स्कूल में वह फुटबॉल खेलता था, लेकिन खेल में सांस फूलती थी। गले की आवाज बदल जाती थी। इस कारण ऐसे में वैभव ने अपना प्रिय खेल फुटबाल छोड़ दिया। पूरा समय फिर वह अपने गाने में ही देने लगा।

ऑडिशन से बाहर होने पर नहीं कोई हताशा

पिता विष्णु गुप्ता ने बताया कि वैभव कभी भी ऑडिशन से बाहर हो जाता था तो मैं हताश हो जाता था, लेकिन वैभव कभी हताश नहीं होता था। वह मुझसे कहता था कि पापा एक IAS ऐसे थे जो छह बार परीक्षा में बैठे, लेकिन सफलता नहीं मिली। उनको 7वीं बार में सफलता मिली। इसलिए एक न एक दिन मुझे भी यह सफलता मिलेगी।

‘जगन्नाथ यात्रा में गाता था भजन’

शहर में निकलने वाली सबसे बड़ी यात्रा जगन्नाथ यात्रा में अक्सर वैभव अपने गुरु शशांक सर के साथ भजन गाने के लिए जाया करता था। वहां पर वैभव के भजन को लोग काफी पसंद करते थे। फिल्मी गीतों के साथ-साथ भजन गाने का भी बहुत शौक रखता था।

चार-पांच घंटे करता था रियाज

विष्णु गुप्ता ने कहा कि वैभव जब गाने का अभ्यास करता था तो वह लगातार चार-पांच घंटे तक रियाज किया करता था। उसकी मेहनत को देखकर लगता था कि वह एक दिन जरूर कुछ अच्छा करेगा। वह सिर्फ तीन काम करता था। पहला गाने का अभ्यास, दूसरा पढ़ाई और तीसरा भगवान शंकर की भक्ति।

ऑडिशन में गाया था ‘तारे जमीं पर’

सितंबर 2023 में लखनऊ में हुए ऑडिशन में वैभव ने ‘तारे जमी पर ‘ गीत प्रस्तुत कर निर्णायक मंडल का दिल जीत लिया था। इसके बाद फाइनल में वैभव ने ‘नीचे फूलों की दुकान, ऊपर गोरी का मकान’, हबीबी- हबीबी, जुम्मा-जुम्मा एक के बाद एक गीत प्रस्तुत कर निर्णायकों के साथ देशवासियों का दिल जीतने में कामयाब रहे।

सुखविंदर है वैभव के आइडल

बचपन से वैभव सुखविंदर के काफी गाना गाया करता था। वैभव सिंगर सुखविंदर को अपना आइडल मानता है। इसलिए उसको दोस्त यार सभी लोग लिटिल सुखविंदर कह कर बुलाते है। रिश्तेदार और पड़ोसी भी उसे लिटिल सुखविंदर ही कहते हैं।

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