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Kanpur : नगर निगम सदन में झाड़ू लेकर पहुंची पार्षद, मेयर ने लिया कड़ा एक्शन!

Kanpur : नगर निगम सदन में झाड़ू लेकर पहुंची पार्षद, मेयर ने लिया कड़ा एक्शन!

Kanpur News : कानपुर नगर निगम सदन की कार्यवाही (Kanpur Municipal Corporation House proceedings) सोमवार को शुरू होने से पहले ही हंगामेदार हो गई। बैठक में तब स्थिति असहज हो गई, जब कांग्रेस की महिला पार्षद शालू कनौजिया झाड़ू लेकर सदन में पहुंच गईं।

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पार्षद शालू का कहना था कि वार्ड में विकास काम नहीं हो रहे हैं। वह सदन में झाड़ू लेकर बैठी रहीं। थोड़ी देर बाद मेयर पहुंचीं, तो झाड़ू देख वह नाराज हो गईं। मेयर ने पार्षद शालू को 6 महीने के लिए सदन से निष्कासित कर दिया। इसके बाद पुलिस ने महिला पार्षद को सदन से बाहर किया।

सदन में बाहरी लोगों को देख मेयर तमतमाई

सदन में पहुंचीं मेयर प्रमिला पांडेय ने कई बाहरी लोगों को देखा, जो पार्षदों (Kanpur Municipal Corporation) के साथ आए थे। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने 2 बाहरी लोगों को सदन से बाहर कराया। साथ ही कहा- अगली बार कोई पकड़ा गया तो मुकदमा कराऊंगी। बाहरी लोग यहां न बैठें, वरना 2 मिनट में ठीक कर दूंगी।

BJP पार्षदों ने किया विरोध, मेयर ने की कार्रवाई

शालू के झाड़ू लेकर पहुंचने का कई पार्षदों ने विरोध किया। भाजपा के उप नेता सदन नवीन पंडित ने कहा कि यह अशोभनीय है। सदन में इस तरह झाड़ू लेकर आना उचित में नहीं है। कृपया झाड़ू को बाहर ले जाएं।दो महिला पुलिसकर्मी भी सदन में पहुंच गईं और शालू कनौजिया से आग्रह किया कि झाड़ू बाहर लेकर जाएं।

शालू ने किसी की बात नहीं मानी और झाड़ू लेकर सदन में बैठी रहीं। उन्होंने कहा कि अगर मेयर मना करेंगी, तो बाहर ले जाएंगे। मेयर ने आते ही एक्शन लिया। पुलिस बुलवाकर झाड़ू छिनवा ली और सदन से 6 महीने के लिए बाहर कर दिया।

मेयर ने नगर आयुक्त से किए सवाल

वहीं, सदन में मेयर और नगर आयुक्त के बीच तल्खियां भी सामने आईं। मेयर ने नगर आयुक्त से सवाल किए कि जब नगर निगम निधि से स्ट्रीट लाइट लगाई जा सकती थी, तो दिवाली पर शहर को अंधेरे में क्यों रखा गया? मेयर ने कहा कि विधायक और सांसद के लोग नगर निगम आकर विकास कामों की 15-15 फाइलें बनवा रहे हैं। हमारे पार्षद नगर आयुक्त के दरवाजे पर सिर पटक रहे हैं, लेकिन काम नहीं हो रहे।

ठेकेदार क्या नगर निगम चलाएंगे?

विकास कामों में धांधली को लेकर मेयर ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा- सदन में चीफ इंजीनियर नहीं आए। क्या वो सदन से ऊपर हैं? मेयर ने ये भी कहा कि 2 दिन पहले बनी सड़कें उखड़ जा रही हैं। अब नगर निगम ठेकेदार चला रहे हैं। मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।

सड़कों के टेंडर को लेकर आपस में भिड़े

भाजपा पार्षद सदन में उस वक्त माहौल गरमा गया, जब भाजपा पार्षद आपस में ही भिड़ गए। दरअसल, भाजपा पार्षद सौरभ देव ने सड़कों के टेंडर में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया और निरस्त करने की मांग उठाई। इस पर भाजपा पार्षद (महाना गुट) कैलाश पांडे ने विरोध करते हुए कहा कि सभी कार्यों का शिलान्यास विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना कर चुके हैं। इसके बाद सौरभ देव और अन्य पार्षदों ने नारेबाजी शुरू कर दी।

महापौर ने कहा वीडियो बन गया है

इस हंगामे के बाद महापौर प्रमिला पांडे ने कहा कि मुझे न बताओ कि चुनाव सिर पर है । बहुत चुनाव देखे हैं। विकास कार्यों के टेंडर 30 प्रतिशत नीचे तक जा रहे हैं। जिस भी अधिकारी ने ऐसे टेंडर किए हैं, उन पर कार्रवाई होगी। आगे कहा कि जिसने भी हंगामा किया है, उनका वीडियो बन गया है। जहां रखना होगा, वहां बात करूंगी।

विकास कार्यों के लिए पार्षदों को मिले 55 करोड़

सदन ने इस बार विकास कार्यों के लिए सभी 110 पार्षदों को 50-50 लाख रुपए की निधि देने का फैसला लिया। पार्षद आकर्ष बाजपेई के प्रस्ताव पर मेयर ने नगर आयुक्त से ये बात रखी कि पार्षदों को विकास कार्यों के लिए कोटा दिया जाना चाहिए। अन्यथा बजट पास नहीं किया जाएगा। सभी पार्षदों ने भी इस पर सहमति जताई। जिसके बाद नगर आयुक्त ने 50-50 लाख रुपए का कोटा निर्धारित किया।

वहीं सदन की कार्यवाही से बिना बताए गायब चीफ इंजीनियर मनीष अवस्थी, अधिशाषी अभियंता आरके तिवारी और अपर नगर आयुक्त संतोष यादव की एक दिन की सैलरी काटने के साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

 

By Abhilash Bajpai

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