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Thursday, October 17, 2024
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योगी सरकार की ई-कोर्ट प्रणाली: औद्योगिक विवादों के निस्तारण में नई क्रांति

उत्तर प्रदेश: योगी आदित्यनाथ सरकार औद्योगिक परिवेश को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अब, औद्योगिक विवादों के त्वरित और प्रभावी निस्तारण के लिए सरकार ‘ई-कोर्ट प्रणाली’ को सुदृढ़ करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इस नई प्रणाली का उद्देश्य औद्योगिक न्यायाधिकरण में विवादों के प्रबंधन के लिए एक व्यापक डिजिटल समाधान प्रदान करना है।

ई-कोर्ट प्रणाली का महत्व

ई-कोर्ट प्रणाली का विकास औद्योगिक विवादों को प्रभावी तरीके से सुलझाने के लिए किया जा रहा है। यह प्रणाली उन सभी पक्षों के लिए एक सहज इंटरफेस विकसित करेगी, जो औद्योगिक विवाद से जुड़े मामलों को दर्ज करना चाहते हैं। इससे न केवल वादों के निस्तारण में तेजी आएगी, बल्कि पारदर्शिता और कार्यकुशलता भी बढ़ेगी।

प्रणाली का विकास और जिम्मेदारी

योगी सरकार ने इस ई-कोर्ट प्रणाली के निर्माण और विकास का कार्य श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड को सौंपा है। यह कंपनी इस प्लेटफॉर्म को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस प्रणाली के माध्यम से औद्योगिक विवाद से संबंधित सभी मामलों को रिकॉर्ड करने और प्रबंधन में सहायता मिलेगी।

इनपुट और दस्तावेज़ों का अपलोड

इस ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म पर सभी पक्ष अपनी प्रस्तुतियों और आवश्यक दस्तावेज़ों को आसानी से अपलोड कर सकेंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि उनकी प्रस्तुतियां सभी कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। इससे मामलों का निस्तारण अधिक सुव्यवस्थित तरीके से हो सकेगा।

केस की पुष्टि और ट्रैकिंग

ई-कोर्ट प्रणाली एक स्वचालित प्रक्रिया का पालन करेगी, जिसके तहत प्रस्तुतियों को मान्य कर एक अद्वितीय केस नंबर उत्पन्न किया जाएगा। यह केस नंबर आवेदकों को यह सुनिश्चित करेगा कि उनका मामला अभी भी समीक्षा के अधीन है। इससे उन्हें अपने मामलों की स्थिति के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी।

प्रभावी प्रबंधन और वर्गीकरण

सीएम योगी की योजना के अनुसार, ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म सभी औद्योगिक विवादों के प्रभावी प्रबंधन की सुविधा प्रदान करेगा। इसमें सभी मामलों का ट्रैकिंग किया जा सकेगा, जिससे न्यायालय के कर्मचारियों को मामलों की समीक्षा और सत्यापन में आसानी होगी। मामलों को प्रकार के अनुसार वर्गीकृत किया जाएगा, जैसे कि वेतन विवाद, गलत तरीके से बर्खास्तगी आदि।

शेड्यूलिंग और नोटिस प्रणाली

इस प्लेटफॉर्म में सुनवाई की तारीख और समय निर्धारित करने के लिए एक शेड्यूलिंग प्रणाली होगी। यह न्यायालय के संसाधनों और पक्षकारों के शेड्यूल के अनुसार काम करेगा। साथ ही, अधिकारियों और न्यायालयों के बीच केस के हस्तांतरण का समर्थन भी करेगा। सभी पक्षों को स्वचालित सूचनाएं प्राप्त होंगी, जो उन्हें केस के विकास के बारे में अपडेट रखेंगी।

डिलीवरी विधियों और ट्रैकिंग प्रणाली

ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म विभिन्न डिलीवरी विधियों का समर्थन करेगा, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक सूचनाएं और भौतिक मेल शामिल हैं। यह प्रणाली जारी किए गए दस्तावेजों की स्थिति को ट्रैक करेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी दस्तावेज प्राप्त हुए हैं और स्वीकार किए गए हैं।

उपयोगकर्ता प्रबंधन और डेटा एनालिटिक्स

उपयोगकर्ता प्रबंधन के अंतर्गत न्यायालय के कर्मचारियों, अधिकारियों और वकीलों के लिए अनुमतियों का प्रबंधन किया जाएगा। प्लेटफॉर्म केस के आंकड़ों, प्रोसेसिंग टाइम और बैकलॉग के संबंध में इनसाइट प्रदान करेगा। इसके लिए रिपोर्टिंग और एनालिटिक्स टूल का उपयोग किया जाएगा।

संवेदनशील जानकारियों की सुरक्षा

ई-कोर्ट प्लेटफॉर्म को संवेदनशील जानकारियों की सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों के साथ विकसित किया जाएगा। यह सभी कानूनी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा। उपयोगकर्ताओं को प्लेटफॉर्म पर सहायता के लिए हेल्प डेस्क उपलब्ध होगी, और प्रशिक्षण सामग्री भी प्रदान की जाएगी।

प्रणाली का नियमित रखरखाव

प्लेटफॉर्म को कार्यात्मक और उभरती जरूरतों के प्रति उत्तरदायी बनाए रखने के लिए नियमित रखरखाव और अपडेट किए जाएंगे। इससे औद्योगिक विवादों का प्रभावी और कुशल प्रबंधन सुनिश्चित होगा।

चार फेज में विकास

यह ई-कोर्ट प्रणाली चार फेज में वाद निस्तारण संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। पहले फेज में अदालत के आदेश और नोटिस जारी करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा। इसके बाद विभिन्न क्षेत्रों पर प्राथमिकता से कार्य किया जाएगा।

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निष्कर्ष

योगी सरकार का यह कदम औद्योगिक विवादों के निस्तारण में एक नई दिशा प्रदान करेगा। ई-कोर्ट प्रणाली न केवल औद्योगिक परिवेश को मजबूत करेगी, बल्कि न्यायालय की कार्यप्रणाली में भी सुधार लाएगी। यह सभी पक्षों को एक सुरक्षित, तेज और प्रभावी तरीके से अपने विवादों का समाधान खोजने में मदद करेगी। इससे उत्तर प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की आर्थिक विकास की गति भी तेज होगी।

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