उत्तर प्रदेश: की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश की गोचर भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराने के लिए एक व्यापक अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान प्रदेश में पशुओं के लिए सुरक्षित चारागाह और चारा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर सख्त रवैया अपनाया है और अधिकारियों को तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
गोचर भूमि पर कब्जे और अभियान की आवश्यकता
प्रदेश में कुल 65,177 हेक्टेयर गोचर भूमि है, जिसमें से अब तक 27,688.75 हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त कराया जा चुका है। शेष 37,488.25 हेक्टेयर भूमि अभी भी अवैध कब्जे में है। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में कोई लापरवाही बर्दाश्त न करने की बात कही है और नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है, जो इस अभियान की प्रतिदिन निगरानी करेंगे।
जिलों में गोचर भूमि की स्थिति
हरदोई, कानपुर नगर, रायबरेली, लखनऊ, फतेहपुर और अमेठी जैसे जिलों में गोचर भूमि का बड़ा हिस्सा अवैध कब्जों में है। इस अभियान के तहत इन जिलों में विशेष कार्रवाई की जाएगी, ताकि पशुओं के लिए पर्याप्त चारागाह और चारा उपलब्ध हो सके।
गो-आश्रय स्थलों की देखरेख
योगी सरकार ने गो-आश्रय स्थलों में सफाई, हरा चारा, भूसा और पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि गोवंश की देखभाल में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए और यदि किसी गोवंश की मृत्यु होती है, तो उसका उचित सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाए।
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अभियान के लाभ
इस अभियान से प्रदेश के पशुओं को पर्याप्त चारागाह मिलेगा, जिससे उनका पोषण स्तर सुधरेगा। साथ ही, पर्यावरण संतुलन में सुधार होगा और ग्रामीण इलाकों में गोचर भूमि का संरक्षण सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
भविष्य की योजनाएं
योगी सरकार ने भविष्य में गो-आश्रय स्थलों को और सुसज्जित करने की योजना बनाई है। इसके तहत अधिक शेड का निर्माण, साफ-सफाई की व्यवस्था और पशुओं के लिए पौष्टिक आहार सुनिश्चित किया जाएगा।