Maha Kumbh 2025 : इलाहाबाद में हो रहे महाकुंभ को लेकर विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि महाकुंभ कोई पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि यह एक धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “क्या मक्का में कोई व्यक्ति जा सकता है जो इस्लाम को नहीं मानता? मक्का में बोर्ड लगे होते हैं जहां गैर-मुसलमानों को रुकने की चेतावनी दी जाती है। ऐसे में महाकुंभ में भी वही लोग आ सकते हैं जो धर्म और आध्यात्म में विश्वास रखते हैं।”
आलोक कुमार ने यह भी कहा कि कुछ लोग आज भी यह सोचते हैं कि देश में मुगलों का शासन है, जबकि मुगलों का शासन समाप्त हो चुका है और अब सारी भूमि गोपाल की है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के उद्धारण देते हुए कहा, “स्वामी विवेकानंद ने विश्व धर्म महासम्मेलन(Maha Kumbh 2025) में जाकर यह गर्व से कहा था कि हिंदू धर्म सबसे प्राचीन है और यह सभी धर्मों को स्वीकार करता है।” उनका कहना था कि आज के युवाओं को स्वामी विवेकानंद का जीवन अवश्य पढ़ना चाहिए और उनका अनुसरण करते हुए संयम के साथ अपने उद्देश्य को लेकर आगे बढ़ना चाहिए ताकि देश को एक बार फिर से विश्व गुरु और महाशक्ति बनाया जा सके।
महाकुंभ 2025 में कानपुर के 101 युवाओं को किया गया सम्मानित
स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में स्वामी विवेकानंद युवा समिति द्वारा सीएसए के कैलाश भवन में आयोजित स्वामी विवेकानंद युवा महाकुंभ 2025 कार्यक्रम में कानपुर के 101 प्रतिभाशाली युवाओं को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में कला, विज्ञान, खेल, संगीत, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, और साहित्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले बच्चों को सम्मानित किया गया।
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कार्यक्रम के दौरान स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई। इसके साथ ही युवाओं के लिए एक विशेष प्रतिज्ञा कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में कानपुर नगर, देहात, रनिया सहित कई गांवों और शहर के हजारों युवाओं ने भाग लिया। आलोक कुमार ने युवाओं से अपील की कि वे स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाकर अपने जीवन को समर्पित करें और देश की महानता में अपना योगदान दें।