Pregnancy Tips: भारत में गर्भावस्था की देखभाल में कई घरेलू नुस्खे शामिल हैं, जिनमें किचन में रखी चीजें अहम भूमिका निभाती हैं। इन घरेलू नुस्खों में हल्दी वाला दूध भी शामिल है। इसे गोल्डन मिल्क के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो हल्दी वाले दूध के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन क्या यह गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है?
कितनी मात्रा में पीनी चीहिए दूध
गर्भावस्था में सीमित मात्रा में हल्दी वाला दूध पीना बिल्कुल सुरक्षित है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन में मजबूत एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जब हल्दी को दूध में मिलाया जाता है, तो यह पाचन में सहायता करता है और साथ ही सूजन और गैस को कम करता है।
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इसके अलावा यह शरीर के इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है। हल्दी वाला दूध गर्भवती महिलाओं के लिए इसलिए भी बेहतर होता है क्योंकि नौ महीनों के दौरान उनके इम्यून सिस्टम को खतरा हो सकता है। यह गोल्डन ड्रिंक बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों से शरीर को बचाने में मदद करती है। हल्दी वाला दूध प्रीक्लेम्पसिया को रोकने में कारगर है, जो एक गंभीर स्थिति है। यह गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के दौरान या प्रसव के बाद भी हो सकता है।
अधिक मात्रा में प्रयोग न करें
सेहतमंद चीजों का अधिक मात्रा में सेवन भी नुकसानदायक हो सकता है। हल्दी वाले दूध के साथ भी कुछ ऐसा ही है। इसलिए अगर इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाए तो यह गर्भावस्था में भी फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, अगर गर्भवती महिला हल्दी वाला दूध पीना चाहती है, तो आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
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